Basti
शांति भंग होने की आशंका में 2 गिरफ्तार

बस्ती(समसुलहक)। पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव जनपद बस्ती के आदेश के क्रम में, अपर पुलिस अधीक्षक दीपेन्द्र नाथ चौधरी के निर्देशन में तथा क्षेत्राधिकारी कलवारी शक्ति सिंह के प्रवेक्षण में अपराध एंव अपराधियो पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत प्रभारी निरीक्षक बृजेश सिंह के नेतृत्व में व उनकी टीम द्वारा 1. सुनील कुमार पुत्र अछैवर सा0 ऐकटेकवा थाना कप्तानगंज बस्ती उम्र करीब 27 वर्ष, 2. रामभुवाल पुत्र तीखाराम सा0 ऐकटेकवा थाना कप्तानगंज बस्ती उम्र करीब 47 वर्ष आपसी रंजीश को लेकर विवाद कर रहे थे, काफी समझाया बुझाया गया, नही माने, शांति भंग होने की सम्भावना होते देख शुक्रवार को ग्राम ऐकटेकवा थाना कप्तानगंज, जनपद बस्ती से गिरफ्तार किया गया तथा बाद गिरफ्तारी अन्तर्गत धारा 151/107/116 सी0आर0पी0सी0 की कार्यवाही कर मा0 न्यायालय हर्रैया जनपद बस्ती मय पुलिस फोर्स के रवाना किया गया।
Ambala
मेघनाथ पराक्रम, लक्ष्मण शक्ति एवं कुंभकरण वध का मंचन हुआ

करनैलगंज गोण्डा(ब्यूरो)। नगर की प्रसिद्ध रामलीला मंचन में रविवार को मेघनाथ पराक्रम, लक्ष्मण शक्ति एवं कुंभकरण वध की लीला का सजीव मंचन किया गया। लगातार रामलीला का मंचन देखने के लिए भीड़ बढ़ रही है। रविवार की लीला में मेघनाथ मायावी रथ पर आरूढ़ होकर अपने दल बल के साथ रामादल पर आक्रमण कर देता है। हनुमान, सुग्रीव, जामवंत व श्रीराम से युद्ध के बाद लक्ष्मण व मेघनाथ में घनघोर युद्ध होने लगता है। लक्ष्मण के बाणों से तिलमिला उठता है। अंत में उसने ब्रह्मा द्वारा प्राप्त शक्ति बाण का संधान किया। जिसके प्रहार से लक्ष्मण जी मूर्छित हो जाते है। फिर उनके राक्षसी सेना लक्ष्मण जी के शरीर को उठाने का प्रयास करती है इतने में हनुमान जी पहुंच जाते है और सारे राक्षसों को मार के भगा देते है और लक्ष्मण को मूर्छित अवस्था में श्रीराम के पास ले आते है। श्रीराम विलाप करने लगते है तभी विभीषण के परामर्श से हनुमान लंका जाते है और सुषेन वैध को उठाकर ले आते है। वैध के बताए अनुसार हनुमान जी द्रोरदागिरी पर्वत को प्रस्थान करते है तथा संजीवनी बूटी न खोज पाने के कारण पूरे पर्वत को उठाकर आकाश मार्ग से चल देते है। अवध क्षेत्र से गुजरते हुए भरत जी देखते है और बाण चला देते है, जिसके कारण हनुमान जी पर्वत सहित भूमि पर आ जाते है। भरत जी और हनुमान जी में वार्ता होती है तथा यह बताते है की यदि रात बीत गई तो संजीवनी का प्रभाव नही रह जायेगा और लक्ष्मण जी के प्राण बचाना मुश्किल हो जायेगा। अविलंब भरत से विदा होने के बाद हनुमान जी रमाद्ल में आ जाते है सुषेण वैध संजीवनी बूटी द्वारा औषधि तैयार करके लक्ष्मण को पिलाते है औषधि के प्रभाव लक्ष्मण जी चैतन्य अवस्था में आ जाते है सारे रामादल में प्रसन्नता को लहर छा जाती है। उधर रावण यह समाचार पाकर कुंभकरण को जगाने जाता है काफी प्रयास के बाद उसके उठने पर उसे मांस मंदिरा का सेवन कराया जाता है। फिर रावण सारी बाते बताता है कुंभकरण रावण को समझता है कि सीता जगदम्बा है उनका हरण करके तुमने अच्छा नही किया मां सीता कालरात्रि स्वरूपा है। इसलिए बैर व संघर्ष न करो सीता को वापस कर दो, तब रावण कुंभकरण पर क्रोधित होता है। भाई को उलहाना देता है अंत में कुंभकरण युद्ध के लिए प्रस्थान करता है। श्री राम में घनघोर युद्ध होता है राम के बाणों से उसका मस्तक कट जाता है वह वीरगति को प्राप्त होता है लंका में शोक व्याप्त हो जाता है। जिसमें रावण का अभिनय अभिषेक जायसवाल, मेघनाथ का अभिनय अनुज जायसवाल, कुम्भकरण का अभिनय विकास जायसवाल ने किया। लीला के लेखक व निर्देशक श्री भगवान साह तथा संचालक पंडित राम चरित्र मिश्र महाराज ने किया। मैदान में कन्हैया लाल वर्मा, नीरज जायसवाल, विमलेंद्र जायसवाल, कमलेश सोनी , आजाद कसेरा, अंसु, अंकित जायसवाल, अनूप गोस्वामी रहे।
Basti
प्राथमिक चिकित्सा पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

बस्ती(रुबल कमलापुरी/ब्यूरों)। जिला ग्राम्य विकास संस्थान परिसर में आपदा प्रबंधन क्षमता एवं सम्बवर्धन के तहत प्राथमिक चिकित्सा पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। सामाजिक संस्था ह्यूमन सेफ लाइफ फाउण्डेशन के चेयरमैन एवं रेडक्रास ट्रेनर रंजीत श्रीवास्तव ने सिद्धार्थनगर जिले के बाँसी और इटवा के लेखपालों को आपदा की स्थिति में लोगों की जान बचाने के लिये प्राथमिक उपचार की जानकारी दी।प्रशिक्षण के दौरान रंजीत श्रीवास्तव ने लेखपालों को दुर्घटना की स्थिति में रक्त-स्त्राव को रोकने का उपचार, हार्ट अटैक की स्थिति की पहचान एवं उसके प्राथमिक उपचार की सीपीआर तकनीक, भूकंप की स्थिति में बचाव के उपाय, विषैले एवं विषहीन सांप के काटने की पहचान, प्राथमिक उपचार, बाढ़ की स्थिति में स्वयं को एवं दूसरे डूबतें हुए व्यक्ति को बचाव के उपाय और आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही एस्ट्रेचर, वाहन की अनुपलब्धता में रोगी को अस्पताल पहुंचाने के घरेलू उपाय की यह भी जानाकरी दी। उन्होंने बताया कि चोट लगने के बाद व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से पहले किए जाने वाले सहायक इलाज को प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं। बीमार व्यक्ति की स्थिति को सुधारने के लिए भी प्राथमिक चिकित्सा का प्रयोग किया जाता है। प्राथमिक चिकित्सा पूर्ण चिकित्सा नहीं होती, लेकिन इससे अस्पताल ले जाने के लिए रोगी की स्थिति को बेहतर किया जा सकता है। अस्पताल ले जाते समय या मदद का इंतज़ार करते समय किसी व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा देने से उसकी जान बच सकती है। आपातकालीन स्थिति में कुछ आसान तकनीकों और बहुत कम उपकरणों का इस्तेमाल करके किसी को प्राथमिक चिकित्सा देने के लिए आपको विशेष ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं है। यह आसानी से सीखा जा सकता है। प्राथमिक चिकित्सा से केवल जान ही नहीं बचाई जाती, इससे व्यक्ति के ठीक होने में समय भी कम लगता है और व्यक्ति को बड़े शारीरिक नुकसान से भी बचाया जा सकता है।प्रशिक्षण के दौरान जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ विवेक कुमार, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी रंजीत रंजन, मुकेश कुमार, पवन चौधरी, एल के पांडेय, रणविजय सिंह, अपूर्व शुक्ल, प्रतीक भाटिया, रजत सरकारी, नवीन पाण्डेय सहित कई लोग मौजूद रहे।
Basti
सदैव याद किये जायेेंगे नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, माल्यार्पण कर किया नमन्

बस्ती(रुबल कमलापुरी/ब्यूरों)। रविवार को आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के 126 वीं जयंती अवसर पर सोशल क्लब जिलाध्यक्ष अमर सोनी के संयोजन में नेताजी तिराहा स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके योगदान पर संक्षिप्त चर्चा की गई।
क्लब जिलाध्यक्ष अमर सोनी ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक सबसे प्रमुख नेता थे। बोस जी ने जनता के बीच राष्ट्रीय एकता , बलिदान और साम्प्रदायिक सौहार्द की भावना को जागृत किया था। उनके योगदान को सदैव याद किया जायेगा। मण्डल अध्यक्ष अनिल कुमार पाण्डेय, संरक्षक अरविन्द श्रीवास्तव ‘गोला’ मनमोहन श्रीवास्तव ‘काजू’ ने नेताजी को नमन् करते हुये कहा कि नेताजी भारत के ऐसे सपूत थे जिन्होंने भारतवासियों को सिखाया कि झुकना नहीं बल्कि शेर की तरह दहाड़ना चाहिए। खून देना एक वीर पुरुष का ही काम होता है। नेताजी ने जो आह्वान किया वह सिर्फ आजादी प्राप्त तक ही सीमित नहीं था बल्कि भारतीय जन-जन को युग-युग तक के लिए एक वीर बनाना था। आजादी मिलने के बाद एक वीर पुरुष ही अपनी आजादी की रक्षा कर सकता है। आजादी को पाने से ज्यादा आजादी की रक्षा करना उसका कर्तव्य होता है। हमें नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिये। नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वालों में सत्येन्द्र सिंह ‘भोलू’ विद्यामणि सिंह, राकेश चौरसिया, प्रफुल्ल कुमार श्रीवास्तव, आलोक श्रीवास्तव, सूर्यभान कुमार, अरविन्द कुमार, शिवा कुमार, विकास कुमार आदि शामिल रहे।
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